Wednesday, March 21, 2012

ये सरकारी योजनायें



सरकारी अफसरों को सपने आते हैं और वे दिल्ली में बैठे -बैठे ही देश भर के लिए योजनायें बनाने लग जाते हैं|
हर गाँव,हर प्रदेश की स्थिति अलग है और उन की ज़रुरत भी अलग है ऐसा शायद उन के ज़हन में नहीं आता |
जनता की सेवा करने व् उद्धार करने का भूत जो उन पर सवार होता है उन पर - फिर चाहे उस सेवा से उद्धार कम व् नुकसान ज़यादा हो रहा हो |
एक बार दिल्ली के एक अफसर को सपना आया और योजना बनी - हमारा गाँव हमारा पानी 
इस योजना के अंतर्गत हर गाँव में पानी के संचयन हेतु सिविल ढांचे बनाने के लिए ६० हज़ार रुपये से एक लाख रुपये दिए जाने थे परन्तु ये योजना बाढ़ क्षेत्रों में कैसे काम करेगी इस पर मनन ही न हुआ |
बेतुकी योजनाओं से समाधान नहीं पाया  जा सकता,समाधान निहित है  -  हर क्षेत्र को उस का पैसा भेजा जाए और स्थानीय ज़रुरत के मुताबिक़ जनता की भागेदारी से उस का उपयोग हो |

आईये एक और सरकारी योजना की बात करें -
 
ये सरकारी योजना ऐसी है की जिस से हर व्यक्ति भिखारी  की श्रेणी में आने को लालायित रहता है  - बी पी एल 
 बी पी एल का मतलब होता है भिखारी - एक ऐसा व्यक्ति जो कहता है - मैं सक्षम नहीं हूँ,मेरे पास पैसा नहीं है,मैं दीन हीन हूँ और समाज से मदद मांगता हूँ |
इस देश की विडम्बना देखिये  - हर व्यक्ति कह रहा है - मेरे को भिखारी बना दो, मुझे भिखारियों की लिस्ट में डाल दो | 
होड़ लगी है लोगों में भिखारी बनने की |
ऐसा देश, जिस का हर नागरिक भिखारी बनना चाहता हो -कैसे प्रगति कर सकता है ?
ये योजनायें लोगों की मानसिकता बर्बाद कर रहीं हैं,उन्हें अकर्मण्य बना रही हैं |
वे वोट बैंक बन रहे हैं,इन सत्ता के दलालों के वोट बैंक भर और कुछ भी नहीं |
इन सत्ता  के दलालों को निष्क्रिय लोग ही चाहिए ताकि ऐसे लोग कुछ भीख ले कर चुप रहें,रेंगती सी ज़िन्दगी जीते रहें और ये स्वार्थी लोग अपनी तूती बजाते रहें और आज के चुने हुए राजा बने रहें |
कुछ व्यक्तियों की मजबूरी हो सकती है बी पी एल कार्ड  - परन्तु सक्षम होने पर बैसाखियों को फेंक देने की इच्छा शक्ति भी हम भारतीयों में होनी बहुत ज़रूरी है |
हमें अपने स्वाभिमान को जगाना होगा |
स्वाभिमानी जीवन ही प्रगति पथ पे ले जाता है - ये भावना अपने अन्दर पैदा करनी होगी |
मोहताज होने की बजाय हमें अपने बाजुयों पर भरोसा करना होगा,हमें अपने अन्दर ये विश्वास जगाना होगा कि हम सक्षम हैं -अपने आप को पालने के लिए भी व् अपने देश को संभालने के लिए भी.......... 

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