Thursday, March 8, 2012

जनता के बीच -आप का कर्त्तव्य





आज जनता के बीच जा कर काम करने वालों की मर्यादा का ध्यान करते हैं............
आज जब हम आम आदमी के बीच जा कर यदि काम करने का बीड़ा उठाते हैं तो सब से पहले हम में एक वैचारिक मैचुरिटी की ज़रुरत होती है अन्यथा सही बात कहते हुए भी वह बात न तो लोगों पर प्रभाव डाल पाती है और न ही व्यक्ति विशेष की छवि ही  कुछ ख़ास बन पाती है उन के मानस पटल पर | विचारों में तटस्थता होना समाज में कार्य करने वालों की एक अहम ज़रुरत है |आज यदि आप सामाजिक  क्षेत्रों में कार्य करते हैं तो समाज को विभाजित करने का कार्य न कर के उन्हें एक सुन्दर माला में पिरोने का कार्य करें,समाज की गन्दगी को गौण कर अच्छाई को प्रकट करें और सकारात्मक  बोलते हुए  एक एकात्मता का रूप लिए समाज की रचना करें.
हमें एक सुदृढ़  समाज की रचना करनी है न कि विभिन्न पिंजरों में कैद समाज की |
हमें अपने कर्तव्यों को कभी भी नहीं भूलना है,चाहे हमारा दिल किसी एक समाज के लिए ही फिक्रमंद हो (वैसे तो आप समाज के काम करने लायक व्यक्तित्व  ही नहीं रखते यदि आप की सोच संकीर्ण है) |
आज समाज में काम करने के लिए एक बड़ा दिल व् बड़ी सोच होनी बहुत ज़रूरी है ,यदि आप में वह ही नहीं है तो आप की सोच वैमनस्य ज्यादा और एकात्मता का भाव कम पैदा करेगी और इसी से आप की हार स्पष्टतः नज़र आएगी,आप का कार्य कहीं खो जाएगा और आप समाज को हानि पहुंचाएंगे |यदि आप का मंतव्य एक सद्कार्य करना था -  तो आप उस में सफल न होंगे और यदि आप एक समाज विशेष में घुसना चाह रहे थे तो आप घुस तो जायेंगे परन्तु आप की  'फूट डाल कर राज करो' की नीति  के तहत बहुत दिनों तक वहां  कार्य न कर पायेंगे|
भारत में इंडिया अगेंस्ट करप्शन  आन्दोलन का प्रादुर्भाव ही समाज को जोड़ने और एक हो कर देश हित में लड़ने के लिए हुआ है.
संकीर्णता की इस में कोई जगह नहीं है और न ही हम इस जाति व् सम्प्रदाय के बंधनों में बंधे हैं,हमें तो एक जूनून ने बाँध रखा है -देश प्रेम के जूनून ने और हम कार्य करते वक़्त कोई और संकीर्ण विचार को घर करने नहीं करने देते  क्युकि हमें पता है कि भ्रष्टाचार कोई जाति या मज़हब नहीं देखता और सब पर वार करता है तो हम इस लड़ाई में असमानता कैसे आने दे सकते हैं.हम पर ऊँगली उठाने वालों के दिल में चोर है और वे चिल्ला चिल्ला के कुछ भी कहें हम पर कोई असर नहीं होगा और ये जोड़ने और साथ ले कर चलने का प्रयास अनवरत चलता ही रहेगा |
 जनता जाग चुकी है और अब सब को एक माला में पिरोने वाले भारत माता के सपूतों की फ़ौज तैयार  खड़ी है जो कि इन राजनीति करने वालों और इन तथाकथित समाजसेवियों के चंगुल में अब सब भारतवासियों को न फंसने देगी | 

No comments:

Post a Comment