Tuesday, November 27, 2018

चुनावी दंगल का सत्य

ना काहू से दोस्ती , ना काहू से बैर

लीजिए फिर चुनाव आ गए , हर बार चुनाव के समय हम आंदोलनकारी इस भ्रम में रहते हैं कि अब मतदाता जाग गया है , इस बार सार्थक मुद्दों पर बहस हो अनर्गल बोलने वालों से प्रश्न होंगे और मुद्दों पर चुनाव लड़े जाएँगे ...
परंतु
स्वार्थ और ज़लालत की सियासत हमारे ख़ून में इस प्रकार से मिल गयी है कि हम देश व प्रदेश हित की बात भूलकर इन राजनीतिज्ञों के दाँव पेच में फँस कर रह जाते हैं ...
जाति समाज और धर्म के नाम पर लोगों को बाँटने वाली राजनीति करने वाले राजनीतिज्ञ भला सार्थक राजनीति कर देश का भला क्यूँ कर होने देंगे ? पर ये ही बात हम मूढ़बुद्धि मतदाताओं को समझ नहीं आती और इन के चक्करों में फँस जाते हैं ...
अब इन राजस्थान विधानसभा चुनावों की बात लें -
कोई समाज के नाम पर टिकट ना मिलने पर पार्टी अध्यक्ष का पुतला जलवाता है और कोई देशभक्ति का चोला ओढ़े उसी समाज विशेष के लोगों को बोलता है कि राजनैतिक पार्टी का चोला ओढ़े रहो और इस सीट को अपने समाज के हाथ से निकल जाने दो ...
कोई देशभक्ति और पार्टी भक्ति और अंधभक्ति में लीन अपने ग़ैरराजनैतिक संगठन की बात मानते हुए सर्व समाज हिताय भूल कर उन्हीं समाज को उलाहना देने वाले नेता के पैरों में लोट रहा है तो एक समाज के नेता अपनी शिखा खोल दृढ़ प्रतिज्ञ हैं ... ये आज की राजनीति है प्रभु देशभक्ति का चोला ओढ़े चेले मिलेंगे और वो भी कब दुम दबा के निकल लें कोई पता नहीं और नंद की गोद में जा कर बैठ जाएँ ...
शिखा में गाँठ लगा लीजिए ...
राजस्थान विधान सभा के ज्वलंत मुद्दे पता हैं जिन से राजस्थान में विकास की गंगा बहेगी ?
राहुल गांधी का गोत्र ... वो मुसलमान हैं , कि पारसी , कि ईसाई , कि हिंदू ब्राह्मण ...
विरोधी पार्टी पोस्टमार्टम में लीन और कांग्रेसी बचाव मुद्रा में ... अरे भाई किसी के जाति धर्म गोत्र समाज से क्या राजस्थान का विकास जुड़ा है ? उन से उन का आगामी पाँच साल का विज़न पूछिए और घेरिए ... ननिहाल का गोत्र लगायें या ददिहाल का इस से देश और प्रदेश को क्या ... अपनी बेटी थोड़े ही ना ब्यानी है उन से ...
देश के प्रधानमंत्री हैं कि हर चुनाव में स्टार कैम्पेनर बन कर पहुँच तो जाते हैं पर आज तक उन के भाषणों से लगता है कि वे ख़ुद ही यक़ीन नहीं कर पा रहे हैं कि वो आज प्रधानमंत्री हैं , उन के भाषण उसी छोटे से नेता के स्तर को छूते रहते हैं ... एक बात और प्रधानमंत्री जी व्यक्तिगत आक्षेप लगा कर सोचते हैं कि विकास को जन्म दे दिया है ... वो उम्र में आप से बहुत छोटा है मोदी जी , ignore किया जा सकता है ... आप मुद्दों पर आ सकते हैं ...
अब योगी आदित्यनाथ को लें - एक छिछोरा बयान - मुझे आश्चर्य है कि राहुल को पता है गोत्र क्या होता है ... हाँ इस बयान से राजस्थान में भाजपा के घोषणा पत्र का पता चलता है ...
राहुल गांधी को लीजिए - सरकार बनते ही दस दिन में किसानों का क़र्ज़ माफ़ - पंद्रह लाख हम सब के बैंक में आ गए और अब किसानों की आत्महत्या रुक जाएगी ... मुफ़्त मुफ़्त मुफ़्त दीजिए राहुल जी स्वावलंबी ना बनवाइए लोगों को ... नदियों को जोड़ने कर हर खेत तक पानी ना पहुँचाइए , ऑर्गैनिक खेती को बढ़ावा देने की व खेती में सुविधा देने की बात ना कीजिए ...
एक और बयान - जैसे ही मैं चौकीदार बोलता हूँ लोग चोर है चोर है बोलने लगते है - ये एक बहुत ही गम्भीर आरोप है राहुल जी , अभी क़सम खाइए कि उन के विरुद्ध अदालत में मुकदमा दायर करेंगे ... प्रधानमंत्री को खुले आम चोर कह रहे हैं , निश्चित ही उन के विरुद्ध प्रूफ़ होंगे ही ...
ये आरोप प्रत्यारोप व व्यर्थ की बातों की चुनाव सभा हो रही हैं , ख़ुद की शान में क़सीदे काढ़े जा रहे हैं , जो काम कई सरकारी एजेन्सी ने मिलकर करवाए हैं उन का श्रेय इकलौता व्यक्ति ले रहा है ...
क्या इन्हीं मुद्दों पर चुनाव लड़ा जाना चाहिए ?
क्या अजमेर और राजस्थान के विज़न पर बहस नहीं होनी चाहिए ?
क्या स्थानीय उम्मीदवारों को पार्टी घोषणापत्र के अलावा अपना अपने क्षेत्र के लिए विज़न नहीं बताना चाहिए ?
क्या जो दूसरे राज्य व केंद्र से आए हुए लोग जो वैमनस्य भरी और निरर्थक उलटी कर रहे हैं क्या उन बिंदुओं पर चुनाव लड़ा जाना चाहिए ?
यदि नहीं तो बोलिए और हक़ से मुद्दों पर चुनाव लड़ने को मजबूर कीजिए इन लोगों को ...
भारत देश पर इन राजस्थान विधान सभा चुनाव में कोई विपत्ति नहीं आन पड़ी है , सो व्यर्थ की बातों में अपने emotions को use मत होने दीजिए , स्थानीय मुद्दों पर उम्मीदवारों को घेरिए और सोच समझ कर वोट दीजिए - ना जाति पे , ना धर्म पे , ना मातृ संगठन के कहने पर - एक भारतीय बन सार्थक मुद्दों पर चुनाव करवाइए ...
अपने क्षेत्र का भला सोचिए ...
क्षेत्र से प्रदेश और प्रदेश से देश सुदृढ़ होगा ...
आप का वोट क़ीमती है , उसे व्यर्थ ना जाने दीजिए ...

Friday, August 10, 2018

एक दर्द ऐसा भी ...

मुझे गर्व है कि मैं एक non corrupt सरकारी अफ़सर की बीवी हूँ ।
एक बेहतरीन दिन , मेरे पतिदेव को भीलवाड़ा मेडिकल कॉलेज और गंगानगर मेडिकल कॉलेज का नोडल ऑफ़िसर बनाया गया ।
गर्व हुआ कि उन की कर्तव्यपरायणता पर सरकारी मोहर लग गयी ।
कुछ विश्वास जगा कि सरकार इतनी भी बुरी नहीं है , कम से कम non corrupt लोगों को उन का due मिल रहा है ।
पतिदेव ने आदतस्वरूप जी तोड़ मेहनत की और राजस्थान के नए मेडिकल कॉलेज में से सब से ज़्यादा व जल्दी काम भीलवाड़ा मेडिकल कॉलेज में हुआ ।और मुख्यमंत्री ने इसी लिए सर्वप्रथम भीलवाड़ा मेडिकल कॉलेज का शिलान्यास किया ।
नित जयपुर और भीलवाड़ा के चक्कर लगने लगे । सरकार की ओर से टैक्सी की सुविधा उपलब्ध थी पर ख़ुद drive कर के जाना और पैसे बचाना आदत में शामिल था । हॉस्टल बन जाने पर बिना एसी के सिर्फ़ पंखे में गर्मी के दिन गुज़ार लेना मानती हूँ आज के दिखावे के समय में ग़लत था पर क्या करें साफ़ स्वच्छ रहने की आदत थी उनकी ।
ख़ैर कॉलेज व हॉस्टल बन कर तैयार हो गया और अब classes शुरू होने वाली हैं और instruments वग़ैरह ख़रीदने हैं और अब प्रिन्सिपल के हाथ में आर्थिक लगाम का समय आया । समय आया एक साफ़ स्वच्छ non corrupt व्यक्ति को हटाने का क्यूँकि वो आप की जेब नहीं भरेगा ...
एक तरफ़ सरकार भ्रष्ट लोगों को पकड़ने का ढोंग कर रही है और दूसरी ओर non corrupt लोगों को उन की जायज़ post से हटा रही है ...
इन्हें ऊपर तक पैसा पहुँचाने वाले भ्रष्ट चमचे चाहिए , जनता के टैक्स के पैसे को समझदारी से ख़र्च कर के बिना भ्रष्टाचार किए काम करने वाले अफ़सर इन्हें मंज़ूर नहीं ...
लानत है हम पर अगर हम इस सरकार को वोट दे कर दोबारा जिताते हैं ... ताबूत में आख़िरी कील ठुक गयी है ... इस बार राजस्थान में भाजपा सरकार नहीं बनेगी ...

Wednesday, March 7, 2018

धृष्टता

कल से कुछ कहने को दिल कर रहा था - आज जा कर वो शब्द मिले जिन से मैं कल हुए वाक़ये को मैं सकारात्मक शब्दों में पिरो कर आप सब के सन्मुख रख सकूँ .... 

ज़िंदगी में एक बात सीखी है कि हमें सब का शुक्रिया अदा करना ज़रूरी है - एक वो जो आप को उठाते हैं और दूसरे जो आप को दबाते हैं ... जो आप को दबाते हैं उनकी बात को गाँठ बाँध लेनी चाहिए - ना ना द्वेष भाव से नहीं , वरन सीख लेने को ... वे आप को अपनी ज़िंदगी में भली प्रकार से काम करने की प्रेरणा देते हैं .... फूँक फूँक कर क़दम उठाने को प्रेरित करते हैं .... वे ही सच्चे हितेषी होते हैं .... 

तो उस वाक़ये पर नज़र डालते हैं - 
अजमेर के एक बहुत बड़े ब्लॉगर हैं , उन के अनुसार लाखों लोग उन के ब्लॉग को पढ़ते हैं और राजस्थान की मुख्य मंत्री व भारत के प्रधान मंत्री भी उन के ब्लॉग से प्रेरित हो अपने क़दम उठाते हैं .....
आदरणीय भाईसाब कई बार बिना प्रूफ़ के कुछ पोस्ट कर दिए थे .... 
कुछ एक पोस्ट पर हम ने comment कर दिया था कि बेहतर हो यदि ब्लॉग लिखने से पहले उस घटना को verify कर लिया जाए ....
एक अदना सी महिला पाठक का यूँ advice करना उन को शायद अच्छा ना लगा परंतु दो एक बार उन्होंने सहनशीलता का परिचय देते हुए हमें ignore किया 
परंतु कल उन की एक प्रशिक्षु भारतीय प्रशासनिक अधिकारी की पोस्ट पर हम ने उन अधिकारी से जानकारी प्राप्त कर उधर पोस्ट पर comment कर दिया जो उन्हें नागवार गुज़रा और शायद उन की निगाह में वो हमारे ताबूत की आख़िरी कील था .....
भाईसाब ने हमें कॉल किया परंतु व्यस्तता के कारण हम ना उठा पाए ... कुछ समय पश्चात फ़ोन चेक करने पर आदरणीय भाईसाब को हम ने फ़ोन किया तो उन का सब्र जवाब दे चुका था - उन्होंने साफ़ शब्दों में कहा कि वे हमारी पिछली ग़लतियों को नज़रअन्दाज़ करते आए हैं परंतु आज हम ने उन की पोस्ट पर फिर ग़लत बयानी की है , हम ने कहा कि हम ने वस्तुस्थिति ज्ञात कर फिर ही comment किया था परंतु भाईसाब बेहद आवेश में थे व उन्होंने कहा - ‘जब मैं आप के प्रोग्राम के बारे में लिखूँगा तब आप को समझ आएगा ‘.....
मैंने उनको ये तो कह दिया कि मैं धमकियों से नहीं डरती 
परंतु 
मुझे उन की पीड़ा का एहसास है , मुझे सत्य जानते हुए भी चुप रहना चाहिए था .... और यदि उन के ब्लॉग की प्रशंसा नहीं कर सकती थी तो उस ब्लॉग की ग़लत बात पर सार्वजनिक comment ना करते हुए नज़रंदाज करना चाहिए था ....
ख़ैर भाईसाब ने बुद्धिमत्ता का परिचय दिया व मुझ मूर्ख के comments को delete कर मुझे अपनी facebook friend list से निकाल दिया व ब्लॉक कर दिया .....

मैं सार्वजनिक रूप से अपनी सत्य लिखने की धृष्टता के लिए क्षमाप्रार्थी हूँ और उन की धमकी के मद्देंनज़र कोशिश करूँगी कि यूनाइटेड अजमेर अपने प्रकल्पों में अतीव सावधानी बरते ....