Wednesday, March 7, 2018

धृष्टता

कल से कुछ कहने को दिल कर रहा था - आज जा कर वो शब्द मिले जिन से मैं कल हुए वाक़ये को मैं सकारात्मक शब्दों में पिरो कर आप सब के सन्मुख रख सकूँ .... 

ज़िंदगी में एक बात सीखी है कि हमें सब का शुक्रिया अदा करना ज़रूरी है - एक वो जो आप को उठाते हैं और दूसरे जो आप को दबाते हैं ... जो आप को दबाते हैं उनकी बात को गाँठ बाँध लेनी चाहिए - ना ना द्वेष भाव से नहीं , वरन सीख लेने को ... वे आप को अपनी ज़िंदगी में भली प्रकार से काम करने की प्रेरणा देते हैं .... फूँक फूँक कर क़दम उठाने को प्रेरित करते हैं .... वे ही सच्चे हितेषी होते हैं .... 

तो उस वाक़ये पर नज़र डालते हैं - 
अजमेर के एक बहुत बड़े ब्लॉगर हैं , उन के अनुसार लाखों लोग उन के ब्लॉग को पढ़ते हैं और राजस्थान की मुख्य मंत्री व भारत के प्रधान मंत्री भी उन के ब्लॉग से प्रेरित हो अपने क़दम उठाते हैं .....
आदरणीय भाईसाब कई बार बिना प्रूफ़ के कुछ पोस्ट कर दिए थे .... 
कुछ एक पोस्ट पर हम ने comment कर दिया था कि बेहतर हो यदि ब्लॉग लिखने से पहले उस घटना को verify कर लिया जाए ....
एक अदना सी महिला पाठक का यूँ advice करना उन को शायद अच्छा ना लगा परंतु दो एक बार उन्होंने सहनशीलता का परिचय देते हुए हमें ignore किया 
परंतु कल उन की एक प्रशिक्षु भारतीय प्रशासनिक अधिकारी की पोस्ट पर हम ने उन अधिकारी से जानकारी प्राप्त कर उधर पोस्ट पर comment कर दिया जो उन्हें नागवार गुज़रा और शायद उन की निगाह में वो हमारे ताबूत की आख़िरी कील था .....
भाईसाब ने हमें कॉल किया परंतु व्यस्तता के कारण हम ना उठा पाए ... कुछ समय पश्चात फ़ोन चेक करने पर आदरणीय भाईसाब को हम ने फ़ोन किया तो उन का सब्र जवाब दे चुका था - उन्होंने साफ़ शब्दों में कहा कि वे हमारी पिछली ग़लतियों को नज़रअन्दाज़ करते आए हैं परंतु आज हम ने उन की पोस्ट पर फिर ग़लत बयानी की है , हम ने कहा कि हम ने वस्तुस्थिति ज्ञात कर फिर ही comment किया था परंतु भाईसाब बेहद आवेश में थे व उन्होंने कहा - ‘जब मैं आप के प्रोग्राम के बारे में लिखूँगा तब आप को समझ आएगा ‘.....
मैंने उनको ये तो कह दिया कि मैं धमकियों से नहीं डरती 
परंतु 
मुझे उन की पीड़ा का एहसास है , मुझे सत्य जानते हुए भी चुप रहना चाहिए था .... और यदि उन के ब्लॉग की प्रशंसा नहीं कर सकती थी तो उस ब्लॉग की ग़लत बात पर सार्वजनिक comment ना करते हुए नज़रंदाज करना चाहिए था ....
ख़ैर भाईसाब ने बुद्धिमत्ता का परिचय दिया व मुझ मूर्ख के comments को delete कर मुझे अपनी facebook friend list से निकाल दिया व ब्लॉक कर दिया .....

मैं सार्वजनिक रूप से अपनी सत्य लिखने की धृष्टता के लिए क्षमाप्रार्थी हूँ और उन की धमकी के मद्देंनज़र कोशिश करूँगी कि यूनाइटेड अजमेर अपने प्रकल्पों में अतीव सावधानी बरते ....