Saturday, January 31, 2015

अजमेर - बदहाल यातायात

अजमेर का नासूर उस की यातायात और पार्किंग व्यवस्था ....

अजमेर की इस बदहाल व्यवस्था के लिए निस्संदेह प्रशासन एवम् नागरिक ज़िम्मेदार हैं परंतु प्रशासन का दोष अधिक है क्योंकि जब तक वैकल्पिक मार्ग और पार्किंग की जगह उपलब्ध नहीं करवाई जायेगी तब तक अजमेर स्मार्ट सिटी की ओर कदम कैसे बढ़ा पायेगा ...

अजमेर के कचहरी रोड , अस्पताल रोड, स्टेशन रोड, आगरा गेट आदि इस दुर्व्यवस्था के ज्वलंत उदाहरण हैं ...

अजमेर को रिंग रोड की आवश्यकता है जिस से हर बार काम ना होने पर सिटी के ट्रैफिक को avoid किया जा सके ....

साथ ही नए वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध करवा कर रोज़ रोज़ के ट्रैफिक जाम से निजात पायी जा सकती है ....

अजमेर की पब्लिक बसों हेतु divider के स्थान पर दोनों तरफ के ट्रैफिक के बीच अलग से 2 lane रोड बनायी जा सकती है जिस से उतार कर नागरिक पैदल ओवर bridge से पैदल पथ तक पहुँच सके , इस से नगरीय परिवहन वाहनों के बीच में रुक कर यातायात में व्यावधान उत्पन्न करने से निजात मिलेगी ....

रोड के दोनों तरफ पैदल पथ को सख्ती से अतिक्रमण मुक्त बनाया जाए और इस के लिए स्थानीय नागरिक समितियों का गठन कर उन पर ये ज़िम्मेदारी डाली जाए ....

साथ ही पैदल पथ पर व्यावसायिक प्रतिष्ठानों या residential houses के सामने सघनता से वृक्षारोपण कर उन को ही साज संभाल की ज़िम्मेदारी दी जाए ...

हमें स्मार्ट सिटी अजमेर को ग्रीन सिटी भी बनाना है ....

नव व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को बिना पार्किंग व्यवस्था के निर्माण की अनुमति नहीं की जाए और इस पर सख्ती से पालना करते हुए प्रतिष्ठान मालिक और अफसरों को उत्तरदायी ठहराते हुए सख्त कार्यवाही की जाए ...

आम नागरिक को भी सावचेत रहते हुए स्थानीय नागरिक सतर्कता समिति के माध्यम से नव निर्माण पर पैनी निगाह रखनी चाहिए और हर हाल में हर व्यावसायिक निर्माण में पार्किंग व्यवस्था हो ऐसा सुनिश्चित करना चाहिए ...

बिना प्रशासन और नागरिक तालमेल के अजमेर स्मार्ट सिटी के स्वप्न का साकार हो कर स्मार्ट सिटी रह पाना नामुमकिन होगा ....

Thursday, January 29, 2015

Towards Amazing Ajmer

My input to the Amazing Ajmer website  ....

Amazing अजमेर website के लिए साधुवाद।

अजमेर को स्मार्ट और effectient सिटी बनाने के लिए निम्न कदम ज़रूरी प्रतीत होते हैं -

सर्वप्रथम अमेरिका के कई downtown व्यावसायिक  इलाकों की भाँति नया बाज़ार , मदार गेट , चूड़ी बाज़ार , पुरानी मंडी, कवंडसपुरा, पड़ाव , दरगाह बाज़ार , नाला बाज़ार इत्यादि को नो vehicle area declare किया जाए और इन बाज़ारों के बाहर प्रशासन द्वारा निम्न दर पर residents और व्यापारियों को सुरक्षित पार्किंग उपलब्ध करवाई जाए । 

इन बाज़ारों में सड़क के साथ साथ पैदल पथ बनवा कर दुकानों की हदें सुनिश्चित की जाएँ और साथ ही स्थानीय नागरिक सतर्कता समितियां गठित कर के उन्हें उत्तरदायी बनाया जाए।

ये नागरिक सुरक्षा समितियां अतिक्रमण के साथ साथ निर्माण और टूट फूट पर भी निगाह रखने हेतु उत्तरदायी हों ।

साथ ही इन क्षेत्रों में हर एक दुकान के सामने पैदल पथ पर एक एक वृक्ष रोपित किया जाए जिस की संभाल की ज़िम्मेदारी उस दूकान मालिक की हो ।

इस से ग्रीन अजमेर का स्वप्न भी पूर्ण हो कर अजमेर की जलवायु में सार्थक बदलाव आएगा । 

स्थानीय नागरिकों और व्यवसाइयों को ज़िम्मेदारी से जोड़ने पर उन में feeling of responsibility आएगी जिस से अजमेर के विकास की भागीदारी से प्रत्यक्षत: जुड़ने पर गर्व बोध होगा।

स्थानीय ठेलों और थड़ियों को संवेदनशीलता दिखाते हुए हर मोहल्ला या दो मोहल्लों के समूह में एक स्थानीय पक्का बाज़ार बनाया जा सकता है जिस से सब्ज़ी वाले, चायवाले,फलवाले और प्रेस करने के लिए धोबी ठेलों को जगह दी जा सकती है ,इस से अतिक्रमण से मुक्ति मिलने के साथ साथ स्थानीय नागरिकों को एक निकट स्थान पर सब उपलब्ध होने की सहूलियत होगी और निम्न व्यवसाइयों को रोज़ रोज़ के प्रशासनिक डर से निजात मिलेगी । 

आशा है स्थानीय प्रशासन इन सुझावों को अमली जामा पहना कर अजमेर को स्मार्ट सिटी बनाने की दिशा में शीघ्र कदम उठाएगा।

Sunday, January 25, 2015

मेरा अजमेर


स्मार्ट सिटी अजमेर ....

एक रोमांचित करने वाला ख़याल ....

अभी भी विश्वास नहीं होता कि निष्क्रिय राजनीतिज्ञों और सुप्त अजमेरवासियों की नगरी अजमेर का स्मार्ट सिटी का स्वप्न साकार होगा ?

होना तो है क्योंकि अब तो इस के लिए योजनाएं भी बनने लगी हैं और फण्ड भी आने लगा है ....

बस डर है तो योजनाओं और फंड के तालमेल का ....

सुप्त उदासीन नागरिकों और निष्क्रिय स्वार्थी जनसेवक व जनप्रतिनिधियों के चलते इस स्वप्न का फंड के अनूरूप साकार रूप लेना टेढ़ी खीर प्रतीत होता है ....

ज्ञात रहे ये ऊँगली किसी एक के ऊपर नहीं वरन अब तक के रहे अजमेर पर उठायी जा रही है (गेंहूँ के साथ घुन भी पिसता है , कर्मशील व्यक्ति अजमेर में भी हैं , अपनी कुचली गयी इच्छा के साथ)

हेरिटेज सिटी अजमेर को पुराने व नए स्वरुप में जोड़ते हुए स्मार्ट सिटी में तब्दील करना एक बेहद संवेदनशील कार्य होगा जिस में जनप्रतिनिधियों , जनसेवकों के साथ साथ नागरिकों की अहम् भूमिका की आवश्यकता रहेगी ....

सब से पहले अजमेर के पुरातात्विक खज़ानों यथा हवेलियों , मकबरों , पूजा स्थल , किलों , पर्यटन स्थलों को चिन्हित करते हुए इन का पुनरुद्धार किया जाना चाहिए और साथ ही इन को जोड़ने का एक रोड map तैयार करते हुए कुछ स्थानों को walkway और कुछ को ropeway से जोड़ते हुए एक पर्यटन pattern तैयार करते हुए इसे विश्व पर्यटक मानचित्र पर एक असरदार पर्यटन स्थल के रूप में पेश किया जाना चाहिए ....

पार्किंग और यातायात व्यवस्था अजमेर के नासूर हैं , अजमेर को रिंगरोड के साथ एलिवेटेड roads और pathways की बहुत ज़रुरत है , इसे किसी कीमत पर नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता परंतु अतिक्रमण मुक्त रखते हुए ....

जनसेवकों के साथ साथ आम नागरिकों का सहयोग वांछनीय है ....

गरीब उद्यमियों के ठेलों या थड़ियों को मोहल्ला बाज़ार की स्थापना कर के जगह दी जा सकती है जिस से अतिक्रमण के साथ साथ उन के शोषण का भी डर समाप्त होगा ....

सिटी के मध्य बने बाज़ारों को वाहन मुक्त बनाते हुए सख्ती के साथ कार्यवाही की जानी चाहिए (अमरीका के downtown areas इस का सही उद्धाहरण हैं जहाँ बाहर पार्किंग व्यवस्था है और भीतर कोई वाहन नहीं जा सकता , वहां के स्थानीय residents भी बाहर पार्किंग place पर ही अपनी अपनी गाड़ियां पार्क करते हैं )

आम नागरिकों को भी अपने शहर के सौंदर्य हेतु कुछ त्याग तो करना ही होगा ....

मदार गेट , नए बाज़ार , नला बाज़ार और दरगाह बाज़ार को वाहन मुक्त बनाते हुए शहर प्रशासन को स्थानीय नागरिकों और व्यवसायियों को न्यूनतम दरों पर safe पार्किंग उपलब्ध करवानी होगी ....

सिटी के बीच के बाज़ारों को अतिक्रमण मुक्त करते हुए रोड के साथ साथ पैदल पथ उपलब्ध करवाने होंगे और पैदल पथ के बीच बीच में पेड़ लगाते हुए एक green अजमेर की परिकल्पना को भी साकार रूप प्रदान करना होगा ....

व्यवस्थित यातायात और पार्किंग के साथ ही एक स्मार्ट सिटी बनने की ओर कदम बढ़ा पायेगा हमारा अजमेर ....

और इन सब को करने हेतु स्थानीय प्रशासन और आम नागरिकों की सतर्कता समितियों का गठन एक अहम् बिन्दु है जिस से योजनाओं और फंड पर check रखा जा सके ....

जहाँ जहाँ कार्य आरम्भ हो वहां वहां नागरिक समितियां कार्य और सामग्री पर नज़र रख सके ...

स्थानीय नागरिकों को जोड़ने से सब में मेरा अजमेर और मेरा कार्य की भावना विकसित होगी और कालान्तर में ये ही कर्तव्य की भावना आम नागरिक को दिशाहीन होने और गलत करने से रोकेगी ....

एक आम नागरिक में feeling of responsibility की अहम् आवश्यकता है ....

इन बिंदुओं पर विचार करते हुए अजमेर एक स्मार्ट सिटी बनने की राह पर सशक्त कदम बढ़ा सकता है ....

Saturday, January 24, 2015

घुटन

ज़िन्दगी धीमी मंथर गति से चली जा रही थी ...

घर में सिमटी ज़िन्दगी से कोई गिला तो ना था , अलबत्ता अपने आप में सिमटी ज़रूर थी ...

कभी कुछ ना कर पाने का ग़म सालता ज़रूर था पर वो दिल के सुदूर कोने तक में सीमित था ....

परेशान नहीं करता था ....

एक ठिठकी सी ज़िन्दगी ...

अपने आप में सम्पूर्णता का बोध कराती ,

शायद वो एक अधूरी ज़िन्दगी थी

या

पूर्णता का पुट लिए अपूर्ण थी ??

अभी भी असमंजस में ही हूँ ....

यकायक आंदोलन की प्रविष्ठी हुई और जीवन को पूर्णता का एहसास या दिशाबोध होने सा लगा ....

अपने आप को पाया मैंने ...

अब जब मुड़ कर देखती हूँ तो यकायक एक सवाल कौंधता है -

अपने आप को पाया

या

अपने आप को खोया मैंने ?

शायद अपने आप को पा कर खोया मैंने ....

सोच रही थी कि आंदोलन की प्रहरी बनी थी मैं

परंतु

भूतकाल में झांकती हूँ तो पाती हूँ कि खिलोना मात्र थी मैं ..

नियति के हाथों या लोगों के हाथों ?

विश्लेषण करने में अभी असमर्थ पा रही हूँ अपने आप को ...

कुछ बादल मंडरा रहे हैं और निष्पक्ष विश्लेषण में रुकावट हैं ...

अभी संवेदनाओं के वशीभूत असमंजस में हूँ ...

अभी इस पोस्ट को सिर्फ emotional outburst रहने देते हैं  ...

तार्किक चीरफाड़ मन काबू में होने पर ....