Sunday, January 25, 2015

मेरा अजमेर


स्मार्ट सिटी अजमेर ....

एक रोमांचित करने वाला ख़याल ....

अभी भी विश्वास नहीं होता कि निष्क्रिय राजनीतिज्ञों और सुप्त अजमेरवासियों की नगरी अजमेर का स्मार्ट सिटी का स्वप्न साकार होगा ?

होना तो है क्योंकि अब तो इस के लिए योजनाएं भी बनने लगी हैं और फण्ड भी आने लगा है ....

बस डर है तो योजनाओं और फंड के तालमेल का ....

सुप्त उदासीन नागरिकों और निष्क्रिय स्वार्थी जनसेवक व जनप्रतिनिधियों के चलते इस स्वप्न का फंड के अनूरूप साकार रूप लेना टेढ़ी खीर प्रतीत होता है ....

ज्ञात रहे ये ऊँगली किसी एक के ऊपर नहीं वरन अब तक के रहे अजमेर पर उठायी जा रही है (गेंहूँ के साथ घुन भी पिसता है , कर्मशील व्यक्ति अजमेर में भी हैं , अपनी कुचली गयी इच्छा के साथ)

हेरिटेज सिटी अजमेर को पुराने व नए स्वरुप में जोड़ते हुए स्मार्ट सिटी में तब्दील करना एक बेहद संवेदनशील कार्य होगा जिस में जनप्रतिनिधियों , जनसेवकों के साथ साथ नागरिकों की अहम् भूमिका की आवश्यकता रहेगी ....

सब से पहले अजमेर के पुरातात्विक खज़ानों यथा हवेलियों , मकबरों , पूजा स्थल , किलों , पर्यटन स्थलों को चिन्हित करते हुए इन का पुनरुद्धार किया जाना चाहिए और साथ ही इन को जोड़ने का एक रोड map तैयार करते हुए कुछ स्थानों को walkway और कुछ को ropeway से जोड़ते हुए एक पर्यटन pattern तैयार करते हुए इसे विश्व पर्यटक मानचित्र पर एक असरदार पर्यटन स्थल के रूप में पेश किया जाना चाहिए ....

पार्किंग और यातायात व्यवस्था अजमेर के नासूर हैं , अजमेर को रिंगरोड के साथ एलिवेटेड roads और pathways की बहुत ज़रुरत है , इसे किसी कीमत पर नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता परंतु अतिक्रमण मुक्त रखते हुए ....

जनसेवकों के साथ साथ आम नागरिकों का सहयोग वांछनीय है ....

गरीब उद्यमियों के ठेलों या थड़ियों को मोहल्ला बाज़ार की स्थापना कर के जगह दी जा सकती है जिस से अतिक्रमण के साथ साथ उन के शोषण का भी डर समाप्त होगा ....

सिटी के मध्य बने बाज़ारों को वाहन मुक्त बनाते हुए सख्ती के साथ कार्यवाही की जानी चाहिए (अमरीका के downtown areas इस का सही उद्धाहरण हैं जहाँ बाहर पार्किंग व्यवस्था है और भीतर कोई वाहन नहीं जा सकता , वहां के स्थानीय residents भी बाहर पार्किंग place पर ही अपनी अपनी गाड़ियां पार्क करते हैं )

आम नागरिकों को भी अपने शहर के सौंदर्य हेतु कुछ त्याग तो करना ही होगा ....

मदार गेट , नए बाज़ार , नला बाज़ार और दरगाह बाज़ार को वाहन मुक्त बनाते हुए शहर प्रशासन को स्थानीय नागरिकों और व्यवसायियों को न्यूनतम दरों पर safe पार्किंग उपलब्ध करवानी होगी ....

सिटी के बीच के बाज़ारों को अतिक्रमण मुक्त करते हुए रोड के साथ साथ पैदल पथ उपलब्ध करवाने होंगे और पैदल पथ के बीच बीच में पेड़ लगाते हुए एक green अजमेर की परिकल्पना को भी साकार रूप प्रदान करना होगा ....

व्यवस्थित यातायात और पार्किंग के साथ ही एक स्मार्ट सिटी बनने की ओर कदम बढ़ा पायेगा हमारा अजमेर ....

और इन सब को करने हेतु स्थानीय प्रशासन और आम नागरिकों की सतर्कता समितियों का गठन एक अहम् बिन्दु है जिस से योजनाओं और फंड पर check रखा जा सके ....

जहाँ जहाँ कार्य आरम्भ हो वहां वहां नागरिक समितियां कार्य और सामग्री पर नज़र रख सके ...

स्थानीय नागरिकों को जोड़ने से सब में मेरा अजमेर और मेरा कार्य की भावना विकसित होगी और कालान्तर में ये ही कर्तव्य की भावना आम नागरिक को दिशाहीन होने और गलत करने से रोकेगी ....

एक आम नागरिक में feeling of responsibility की अहम् आवश्यकता है ....

इन बिंदुओं पर विचार करते हुए अजमेर एक स्मार्ट सिटी बनने की राह पर सशक्त कदम बढ़ा सकता है ....

2 comments:

  1. स्मार्ट सिटी के लोगों के संस्कार भी तो स्मार्ट हों. शहर को सुधारने से पहले मानसिकता को भी सुधारना होगा.
    कीर्ति जी के ताज़ा ब्लोग्स अब http://www.indianewstv.in/blog.php पर भी उपलब्ध हैं.

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  2. एक अच्छी और नेक सोच है आपकी...

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