Friday, March 4, 2016

कन्हैया

ना काहू से दोस्ती, ना काहू से बैर ...

एक प्रश्न ...

कन्हैया को पुलिस ने doctored वीडियो के कारण पकड़ा ... पूछताछ की ... भारतीय कानून के हिसाब से कोर्ट ने उसे सशर्त bail देदी ...

अब प्रश्न ये है कि इस से कन्हैया हीरो कैसे बन गया ?

क्या वो ऐसा प्रथम भारतीय है जिस के साथ ऐसा हुआ ??

क्या वो ऐसा अंतिम भारतीय है जिस के साथ ऐसा होगा ??

क्या इस मामले में ज़मानत मिलते ही कन्हैया दोष मुक्त हो गया ??

गरीबी से लड़ने वाले कन्हैया के वकील कपिल सिब्बल कैसे बन गए ??

उन की फीस कौन दे रहा है ??

यदि कपिल सिब्बल फीस नहीं ले रहे तो उन का इस केस में कैसा स्वार्थ है ?? क्योंकि ये हम सब बाखूबी जानते हैं कि कपिल सिब्बल निःस्वार्थ देश प्रेमी तो हैं नहीं ...

यदि कपिल सिब्बल की फीस कोई और दे रहा है तो उस का क्या स्वार्थ क्या है क्योंकि बहुत से गरीब ऐसे केसों में फंसे रहते हैं और उन के लिए कोई निःस्वार्थ व्यक्ति कपिल सिब्बल सरीखे बड़े वकीलों की  सेवा नहीं लेता ...

कन्हैया की स्पीच मैंने नहीं सुनी परंतु ये सुना है कि उस ने हमारे बड़बोले , मन की बात करने वाले आदरणीय प्रधान मंत्री जी की धज्जियां उड़ा दी ...

क्या किसी की धज्जियाँ उड़ा कर व्यक्ति महान हो जाता है ??

कन्हैया को आज़ादी चाहिए .. बिलकुल सही ...

 लोकतंत्र में हर व्यक्ति आज़ाद जीना चाहता है परंतु आज़ादी का अर्थ उन्मुक्त आज़ादी नहीं है कि हम कुछ भी कर पाएं ... आज़ादी कर्तव्य से जुडी होती है , ऐसा सब को ज्ञात रहे ...

 कन्हैया गरीबी से परेशान है ... और उसे इस बात का क्रोध है ... होना भी चाहिए ... क्योंकि ये हमारी 68 सालों की सरकारों और हमारे चुने हुए जनप्रतिनिधियों और हमारे जनसेवकों की अकर्मण्यता ही है जो गरीबी आज तक दूर नहीं हुई ...

 परंतु

क्या इस के लिए आज की केंद्र सरकार दोषी है या पिछले 68 सालों की केंद्र और राज्य सरकारें और हम सुप्त नागरिक  ??

ये प्रश्न कन्हैया और हम सब अपने आप से ज़रूर करें ....

No comments:

Post a Comment