Monday, December 17, 2012

आरक्षण - सत्ता लोलुपों का एक हथियार

आइये आरक्षण की बात करें .....
और उस का सच जानें .......
आरक्षण एक वो तोहफा था जिस को एक खुशहाल भारत के स्वपन को साकार  करने और वंचित वर्ग को जो समानता का अधिकार सुनिश्चित करने के लिए लागू किया जाना था ......
परन्तु 
अंग्रेजों से विरासत में  मिली और पोषित की गयी divide and rule की policy को आज तक की सत्तारूढ़ पार्टियों ने अपने हित साधने हेतु भुनाया ......
आरक्षण को वोट बैंक का रूप दे कर सीधे सच्चे दलितों को रेंगते हुए कीड़ों की श्रेणी में ला खड़ा किया .......
अपने ही समाज के ठेकेदारों और राजनैतिक पार्टियों द्वारा छले  गए दलित आज तक सत्ता के दलालों द्वारा वोट बैंक की तरह काम में लिए जा रहे हैं .....
उन का अपना कोई वजूद नहीं है ......
वे सिर्फ और सिर्फ वोट बैंक के रूप में इस्तमाल किये जा रहे हैं .....

आरक्षण के झुनझुने से समाज को बांटने की साज़िश को अंजाम दिया जा रहा है ताकि समाज एक जुट न हो सके और सिर्फ और सिर्फ भारतीय नागरिक बन कर न खड़ा हो जाए ......

65 सालों में जो आरक्षण को अंतिम पंक्ति तक न ला पाए उन से क्या आज का भारतीय समाज ये उम्मीद कर सकता है कि वे आने वाले समय में एक समय-बद्ध तरीके से आरक्षण का लाभ अंतिम पंक्ति तक पहुंचा पायेंगे ??

आज हम सब को जागना ही होगा और इन राजनैतिक पार्टियों और अपने अपने समाज के ठेकेदारों से कुछ सवाल पूछने ही होंगे ....
कि क्यूँ कर हमारे दलित भाई और बहनों को आज तक आरक्षण का लाभ नहीं मिल पाया??
क्यूँ आज उन के समाज के ठेकेदार अमीर और अमीर होते जा रहे हैं और क्यूँ वे आज आजादी के 65 साल बाद भी गरीबी की रेखा को पार न कर पायें हैं???

आज हमें आँखें खोल का वस्तु -स्थिति का सामना करना होगा 
और 
कुछ कड़े प्रश्न अपनों से ही करने होंगे  ......
और उन को जवाब देने को बाध्य करना होगा .....
हमें जागना होगा और आँख मूँद कर किसी पर भी ....भले ही वह हमारा जाति  भाई हो .....विश्वास नहीं करना होगा ....
हमें अपने हकों के  लिए अब जागना और सचेत रहना होगा .....

हमें एक जुटता दिखानी होगी और एक भारतीय समाज बन कर उभारना होगा .....

एकता में  शक्ति है .....
परन्तु 
हम तो विभिन्न जातियों और सम्प्रदायों में बंटें हैं ......
हम आज सत्ता के दलालों के हाथ का खिलौना बने हैं ......

अब इन के बिछाए जाल से निकलना होगा और एक समाज भारतीय समाज का गठन करना होगा ......

हमारी जाति  हमारी पूजा पद्यति है और वह हमारा निहायत ही निजी मामला है ....
इसे हमारे घर तक सीमित रहने दीजिये ......

हमें  एक सशक्त भारतीय समाज बन कर उभारना है और इन सत्ता लोलुपों के कुत्सित इरादों को नाकाम करना है .......

देश हित सर्वोपरि ......
जय हिन्द !!!!
जय भारत !!!! 

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