Monday, April 16, 2012

अजमेर की सुधि जनता????

कुछ समय पहले बहुत जोर शोर से आवाज़ उठी थी कि ८०० वे उर्स के लिए केंद्र सरकार ने ३०० करोड़ रूपये कि योजना बनाई है |
हम सब अजमेरवासी खुश कि चलो किसी भी बहाने से अजमेर का विकास तो होगा परन्तु हाय री किस्मत -
अजमेर वासियों की तठस्थ तथा हर हाल में शांत रहने की भूमिका ने एक बार फिर से अजमेर के साथ छल किया और अब ३०० करोड़ की जगह अजमेर के भाग में सिफर आया है |
हमारे अफसर और जन प्रतिनिधि हमारे नहीं हैं,ये बात कब हमारे दिमाग में आएगी????
हमारा -चलता है - का attitude उन्हें और अकर्मण्य बना रहा है-
अफसर अजमेर की पोस्टिंग को आराम करने की पोस्टिंग मानते हैं |जिसे relax करना है वह अजमेर लेता है........ये है अजमेर की शोहरत राजस्थान के अफसरों में........
और रही बात हमारे जनप्रतिनिधियों की तो उन्हें आपस में एक दुसरे को नीचा दिखाने से फुर्सत मिले और अपनी जेब भरने से फुर्सत मिले तो ही तो न वे अजमेर के बारे में सोचेंगे |

लानत है हम सब पर कि हमारा विकास रुका पड़ा है और हम चैन की नींद ले रहे हैं......
हमारे काम करने के लिए जो लोग नियुक्त हैं वे अपने कार्य को संजीदगी से नहीं निभा रहे और हम चादर तान के पड़े हैं |
आप सब अपनी अपनी दुनिया में क्या इतने मग्न हैं कि आप को अपना शहर दिखाई नहीं दे रहा ?????..........
स्वार्थ की भी एक सीमा होती है........

उठिए ,कुम्भकर्णी नींद से जागिये और इस शहर के बारे में भी सोचिये.........और कुछ करिए........
सिर्फ सोचना और इधर उधर लिखने से बात न बनेगी.......
बात बनेगी जब हम सड़कों पर उतरेंगे और अजमेर की दुर्दशा के लिए ज़िम्मेदार लोगों को कठघरे में खड़ा करेंगे और उन से प्रश्न करेंगे.....उन से अपने शहर का विकास करवाएंगे......
हम जागृत होंगे तब ही अजमेर अपनी उन्नति की सीढियां चढ़ पायेगा........
आइये जुड़िये और अजमेर को विकासोन्मार्गी कीजिये.........

एकता में शक्ति है और हम आम जनता जब जाग कर एक हो जायेगी तो क्या अफसर और क्या जनप्रतिनिधि सब एक कतार में लग कर अजमेर के विकास के लिए प्रयास करने लगेंगे.......
ज़रुरत है तो सिर्फ एक पहले सुदृढ़ कदम की......

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